ग्रैंड न्यूज, रायपुर। कोरोना संकटकाल में पीड़ित मरीजों को जिन आवश्यक दवाओं की जरूरत पड़ रही है उनकी देशभर में जमाखोरी और कालाबाजारी धड़ल्ले से जारी है। जिसकी वजह से जरूरतमंदों को समय पर दवाइयां और इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं। लिहाजा जिंदगी और मौत से जूझ रहे मरीज जिंदगी के आगे हारने को मजबूर हैं।
इस विषय पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को एक पत्र प्रेषित किया है। इस पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री बघेल ने वर्तमान हालात और आवश्यक मेडिसिन को संरक्षित करने के लिए आवश्यक पहल की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है।
सीएम बघेल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को प्रेषित पत्र में लिखा है कि कोरोना संक्रमण के उपचार में आने वाली दवाओं को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत अधिसूचित किया जाना अति आवश्यक है।
मुख्यमंत्री बघेल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को लिखे पत्र में रेमडेसिविर इंजेक्शन , आइवर मेक्टिन टेबलेट , टोसीलीजुमब इंजेक्शन , फेविपिरावीर कैप्सूल ,एनोकसापारिन इंजेक्शन और
डेक्सामेथासोन टैबलेट एवम इंजेक्शन को अधिसूचित किए जाने की बात का उल्लेख किया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का मानना है कि उपरोक्त दवाइयों को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत अधिसूचित किए जाने से जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने में मदद मिलेगी।
बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर की वजह से देश के कई राज्यों के साथ छत्तीसगढ़ सबसे ज्यादा प्रभावित प्रदेशों में से है। इस दूसरी लहर में रेमडेसिविर व टोसीलीजुमब इंजेक्शन सांस की तकलीफ वाले मरीजों के लिए काफी मददगार साबित हुई है जिसकी वजह से बड़ी तादाद में इसकी जमाखोरी और कालाबाजारी धड़ल्लेे से जारी है जिसके चलते जरूरतमंदों को बड़ी दिक्कत का सामना करनााा पड़ रहा है। जिसकी आंच में सरकार झुलस रही है।