नई दिल्ली। देश की सियासत से जुड़ी एक खबर सामने आयी है. सूत्रों के मुताबिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद आज बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं. दोपहर एक बजे कांग्रेस के यह कद्दावर नेता बीजेपी का दामन थामेंगे. वह केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के आवास पहुंच गए हैं. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में पार्टी में शामिल होंगे। कांग्रेस नेता के बीजेपी में शामिल होने का यह कार्यक्रम बीजेपी मुख्यालय में होगा।
कांग्रेस के बड़े नेता के बीजेपी में एंट्री को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. पत्रकारों से लेकर सोशल मीडिया पर सक्रिय लोग इसपर जमकर चर्चा कर रहे हैं. इस वक्त बहस का मुद्दा ये है कि सबसे पहले कौन उस बड़े नेता का नाम आउट करता है. लेकिन जो नाम गर्दिश में हैं उससे जाहिर होता कि बीजेपी ने यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारी को नया आयाम दे दिया है, ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि बताया जा रहा है कि कांग्रेस के उस नेता का संबंध उत्तर भारत है.
अगले साल उत्तर प्रदेश चुनाव होने हैं और ऐसे में सबसे ऊपर कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद के नाम की चर्चा है। हालांकि, इससे पहले 2019 में भी जितिन प्रसाद के पार्टी छोड़ने की अटकलें लगाई गई थीं लेकिन तब ऐसा नहीं हुआ था। यूपी में कांग्रेस के सीनियर नेताओं में से एक जितिन प्रसाद का बीजेपी जॉइन करना प्रदेश में अगले साल होने वाले चुनावों के लिहाज से अहम हो सकता है। भले ही अब तक नाम का खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन अगले साल यूपी में होने वाले चुनावों के चलते ही जितिन प्रसाद को लेकर कयास जोरों पर हैं। जितिन प्रसाद धौरहरा लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। इसके अलावा यूपी सरकार में उनके पास मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री की जिम्मेदारी थी।
राजस्थान कांग्रेस में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच उठापटक किसी से छिपी नहीं है। हालांकि, बीते साल पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद दोनों पक्षों को शांत करा दिया गया था लेकिन राजस्थान में पायलट खेमा एक बार फिर बगावती सुर छेड़ता दिख रहा है। पिछले साल सचिन पायलट खेमे की बगावत के बाद बनी कांग्रेस की तीन सदस्यीय सुलह कमेटी की अब तक रिपोर्ट नहीं आने पर पायलट ने कहा है कि 10 महीने हो जाने के बावजूद उनसे किए वादे पूरे नहीं हुए हैं। इस बीच सचिन पायलट ट्विटर पर ट्रेंड भी कर रहे हैं। हालांकि, कल शाम ही सचिन पायलट ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया था और साफ कर दिया था कि वह बीजेपी में शामिल नहीं होने वाले हैं। उन्होंने ट्वीट किया था, ‘प्रदेश के भाजपा नेताओं को व्यर्थ बयानबाज़ी की बजाय अपनी स्थिति पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। आपसी फूट व अंतर्कलह इतनी हावी है कि राज्य मे भाजपा विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभा पा रही। इनकी नाकाम नीतियों से देश में उपजे संकट में जनता को अकेला छोड़ने वालों को जनता करारा जवाब देगी।’
लंबे समय से पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा भी कांग्रेस की कार्यशैली से नाराज चल रहे हैं। बीते साल सोनिया गांधी को 23 कांग्रेस नेताओं ने चिट्ठी लिखकर पार्टी की कार्यशैली में बड़े बदलावों की मांग की थी। इनमें आनंद शर्मा और गुलाम नबी आजाद भी शामिल थे।