कोरोना की वजह से नौकरी (job )गंवाने लोग अब बिजनेस(business ) या खेती बारी में हाथ आजमा रहे हैं। अगर आप भी इस फील्ड(field ) में हाथ आजमाना चाहते हैं तो औषिधीय पौधों (Medicinal Plant) की खेती अच्छा विकल्प हो सकता है। आयुर्वेद(ayurved ) के अलावा अब एलोपैथ में भी कुछ दवाओं का निर्माण हर्ब्स(herbs ) से निकले केमिकल को यूज करके हो रहा है. यही कारण है कि इनकी मांग में बढ़ोतरी हुई है।
READ MORE : Business Idea : सिर्फ 20,000 में शुरू करें ये बिज़नेस, हर महीने होगी 4 लाख रुपये तक की कमाई
आज के बिज़नेस आईडिया(idea ) में हम बात करेंगे सतावर के खेती की
सतावर की खेती|(sage farming ) सतावर का उपयोग विभिन्न दवाएं बनाने में होता है। अगर इनकम(income ) की बात करें तो सतावर की खेती से कमाई भी अच्छी होती है। दो साल की इस फसल में आप महज 50 हजार रुपये लगाकर एक एकड़ फसल से ही 6 लाख रुपये तक इनकम(income ) कर सकते
कितनी आता है लागत और मुनाफा (profit )
सतावर की उपज को आयुर्वेदिक दवा कंपनियों (company )को डायरेक्ट(dirtect ) बेचा जा सकता है. या फिर आप इसे हरिद्वार, कानपुर, लखनऊ, दिल्ली, बनारस जैसे बाजारों में बेच सकते हैं। ऐसे में अगर आप बेहतर क्वालिटी (quality )की 30 क्विंटल जड़ें भी बेच पाते हैं तो आपको 7 से 9 लाख रुपये आसानी से मिल जाएंगे। अगर भाव और पैदावार कम मानी जाए तब भी 6 लाख रुपये तक आसानी से कमाए जा सकते हैं ।
सतावर ए ग्रेड( sage farming a grade )औषिधीय पौधा है. इसकी फसल 18 महीने में तैयार होती है। सतावर की जड़ से दवाएं तैयार होती हैं। इससे 18 महीने बाद गिली जड़ प्राप्त होती हैं। इसके बाद जब इनको सुखाया जाता है तो इसमें वजन लगभग एक तिहाही रह जाता है।