श्रीलंका ( Srilanka)में गहराते आर्थिक संकट के बीच राजनीतिक उथल-पुथल का दौर जारी है। इस बीच मंगलवार को देश की संसद ने प्रधानमंत्री ( prime minister)रानिल विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति चुन लिया। 73 वर्षीय विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति बनने के बाद सांसदों का शुक्रिया जताया।
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राजनीतिक करियर में विक्रमसिंघे पहली बार राष्ट्रपति पद तक पहुंचे हैं। इससे पहले वे रिकॉर्ड( record) छह बार प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं। हालांकि, अब तक यह साफ नहीं है कि आखिर संसद में जिस नेता की पार्टी के पास सिर्फ एक सीट हो, उन्हें देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचने का मौका कैसे मिला? इसके अलावा विक्रमसिंघे आखिर हैं कौन? चलिए जानते है
बात अगर निजी जिंदगी और पढाई की
रानिल ने अपने पिता की ही राह पकड़ी और सिलोन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1970 के दशक में विक्रमसिंघे ने राजनीति में एंट्री ली। उनका राजनीतिक करियर यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के साथ शुरू हुआ।
1977 में उन्होंने संसदीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इस जीत के बाद उन्हें विदेश मंत्रालय( foreign में उपमंत्री का पद सौंपा गया।
श्रीलंका ( srilanka)को 37.69 करोड़ डॉलर का कर्ज
इस साल के पहले चार महने (जनवरी से अप्रैल 2022) के बीच भारत ने श्रीलंका को 37.69 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया है. वहीं चीन से इस अवधि में श्रीलंका को 6.77 करोड़ डॉलर का कर्ज मिला है।श्रीलंका के वित्त मंत्रालय के अनुसार भारत से 37.69 करोड़ डॉलर का कर्ज एक जनवरी से 30 अप्रैल 2022 की अवधि के दौरान मिला है।