आज के business idea में हम बात करेंगे गिलोय की खेती की । हम सब जानते है कि गिलोय (Giloy) एक दिव्य ओषधि है, जिसे लाखों लोगों ने उपयोग(use ) में ला कर कई बिमारियों से छुटकारा पाया है। गिलोय देखने में लगभग पान के पत्ते की तरह होती है। यह लता के रूप में उगती है और बढती है।
गिलोय(giloy ) के पत्ते पतले, हरे और दिल आकर के होते हैं की दोमट मिट्टी से लेकर सभी प्रकार की भूमि में की जा सकती है।
इस महीने में करें खेती
गिलोय की खेती कलम द्वारा की जाती है। लगभग छह से सात इंच लंबी 10 से 11000 कलम प्रति एकड़ में काफी होती है। कलम को नर्सरी में मई-जून में लगाते हैं।
भूमि और तैयारी
गिलोय(giloy ) की कलम की मोटाई उंगली की मोटाई के बराबर तथा इसे जुलाई-अगस्त में लगाते हैं। गिलोय की कलम लगाने के तुरंत बाद हल्की सिचाई(irrigation ) करनी चाहिए।
कटाई
गिलोय(giloy ) की बेल की कटाई भूमि की सतह से एक फुट ऊपर से अप्रैल-मई महीने में करनी चाहिए। इसकी बेल आसानी से सूखती नहीं इसकी पत्तियां नवंबर-दिसंबर(december ) में झड़नी शुरू हो जाती है। जल्दी सुखाने के लिए बेल को छोटे-छोटे टुकड़े करके धूप में सुखाने चाहिए और सुखाकर बोरियों में भंडारण कर लिया जाता है।
लगभग 12 से 15 रुपये प्रति किलोग्राम
चार-पांच वर्ष बाद एक पौधे से लगभग 10 किलो गिलोय(giloy ) बेल का उत्पादन होता है। 100 से 125 क्विंटल प्रति एकड़ हरी गिलोय का उत्पादन लिया जा सकता है। मंडी में इसकी कीमत लगभग 12 से 15 रुपये प्रति किलोग्राम(kilogram ) मिल जाती है इसके अलावा जिन वृक्षों पर यह चढ़ाई जाती है उनसे भी अतिरिक्त आय होती है।